जयपुर : कोरोना संकट के बावजूद जनाजे में जुटे 15 हजार लोग, इन्हीं की अपील पर पिछले साल टला था ईद का जुलूस

By: Ankur Tue, 01 June 2021 1:57:33

जयपुर : कोरोना संकट के बावजूद जनाजे में जुटे 15 हजार लोग, इन्हीं की अपील पर पिछले साल टला था ईद का जुलूस

कोरोना का दौर जारी हैं जिसमें सरकार ने गाइडलाइन तय की हैं और एक जगह ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं एवं अंतिम संस्कार में भी 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं। इस बीच राजधानी जयपुर में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसमें कोरोना संकट के बावजूद जनाजे में 15 हजार लोग जुट गए। यह जनाजा समाजसेवी हाजी रफअत अली का था जो कि समाजसेवी और सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल थे। इन्हीं की अपील पर कोरोना संकट के बीच ईद का जुलूस रोका गया था। सोमवार को उनका निधन हो गया और उनके इंतकाल के बाद उनके जनाजे में हजारों लोग की भीड़ उमड़ पड़ी। इस भीड़ में आम लोग ही नहीं जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान समेत कई नामी राजनीतिक शख्सियतें भी शामिल हुईं। पुलिस भी भीड़ को रोकने के बजाय जनाजे के दौरान सुरक्षा इंतजामों में जुटी रही। हाजी रफत का जनाजा पुलिस सुरक्षा में जयपुर के रामगंज बाजार से निकाला गया। जनाजे के वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। इस पर पुलिस की ओर से अब विधायक रफीक खान समेत 11 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है।

हाजी साहब की अपील पर ही ईद का जुलूस रोका गया था

प्रसिद्ध समाजसेवी व सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल हाजी रफअत अली की अपील पर ही कुछ दिनों पहले ईद का जुलूस टाल दिया गया था। उन्होंने ईद पर जुलूस निकालने से कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर अपील की थी। इसके बाद लोगों ने उनकी बात को मानते हुए ईद का जुलूस नहीं निकाला था। अब उनके इंतकाल के बाद जनाजे में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हाजी रफअत अली कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से इंतकाल हो गया।

सूफी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में था अहम योगदान

हाजी रफत अहमद जयपुर के जाने माने समाजसेवी और सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल थे। सोमवार को सुबह घर पर फज्र की नमाज के दौरान हार्ट अटैक से उनका इंतकाल हो गया बताया जा रहा है। सूफी विचारधारा के प्रचार प्रसार में हाजी रफत का अहम योगदान रहा था। उन्होंने हमेशा पैंगबर-ए-इस्लाम की शिक्षाओं पर जोर दिया। सालाना जुलुस-ए-मोहम्मदी हाजी रफत की निगरानी में ही निकलता था। शिक्षा की अलख जगाने में भी हाजी रफत का काफी नाम रहा। बताया जाता है उन्होंने मुस्लिम बच्चों के एक हाथ में कुरान तो दूसरे हाथ में कम्प्यूटर थमाया था।

SP सहित पुलिस अधिकारी भी रहे मौजूद

जनाजे में 15 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। अंतिम यात्रा के दौरान काफी लोग अचानक सड़कों पर आ गए। पुलिस ने भीड़ को नहीं रोका। सौ से ज्यादा पुलिस के जवान भी थे। पुलिस की कई गाडियां आगे-पीछे चल रही थीं। खुद डीसीपी अनिल पारिस देशमुख, आरपीएस सुमित शर्मा, सुनील शर्मा, रामगंज थानाधिकारी बीएल मीना, सुभाषचौक थानाधिकारी भूरीसिंह मौजूद रहे थे।

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